Mon. Oct 7th, 2024

    Domain आपकी वेबसाइट का नाम होता है जैसे की मेरी website का domain name tourapna (www.tourapna.com) है जिस system से आपका domain चलाया जाता है उसे domain name system कहते है इसे Short मैं DNS भी कहते है इसमे ही आपकी सारी जानकारी save रहती है जैसे domain name  उसका IP Address सब save रहता है.

    पहले के समय मैं क्या होता था  आपका web address numeric फॉर्म मैं होते थे जिसे आप IP address कहते है IP address की Full form internet protocol address होती है.उदहारण के तोर पे पहले web address 172.16.254.1 इस तरह होते थे.

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    numeric मैं किसी भी वेबसाइट को ठीक से याद नहीं रखा जा सकता है .पर अगर आपकी वेबसाइट का नाम दे दिया जाये तो आप उसको आराम से याद रख सकते है उसके बाद वेबसाइट को alphabetic रूप मैं कर दिया जिसमें आप अपनी वेबसाइट का नाम alphabetic और numeric का मिश्रण बना कर भी अपनी वेबसाइट का नाम रख सकते है या आप सिर्फ अल्फाबेटिक भी रख सकते है जिसको याद रख पाना बिलकुल आसान है.

    IP address अभी खत्म नहीं हुआ है इन्टरनेट से जुडी सभी चीजो का IP address होता है जिसे user की जानकारी को आसानी से हासिल किया जा सके. domain नाम और IP address आपस मैं जुड़े हुए होते है जो की आपकी वेबसाइट की जानकारी लोगो तक पहुचाते है

    DNS (domain name service) का काम होता है जब आप web browser मैं अपनी webstie का नाम टाइप करते है आपके वेबसाइट को IP address मैं convert करके आपके domain name server तक पहुचता है domain name server वो होता है जिस कम्पनी से आप आपनी वेबसाइट के नाम का domain नाम खरीदते है आपके domain की सारी जानकारी उस domain name server के पास होती है

    domain नाम के लिए protocol होता है जो की नियम होते है जिसको हर web address वाले को उसका पालन करना होता है. प्रोटोकोल दो तरह के होते है एक होता है  hypertext transfer protocol और दूसरा  hypertext transfer protocol secure होता है आज कल हैकर बहुत जायदा बड गए है जो की आपकी जानकारी को चुरा लेता है https protocol आपकी जानकारी को सिक्योर रखता है अब के समय मैं https लेना जरुरी है जो की SSL सर्टिफिकेट से मिलता है .

    domain नाम के दो हिसे भी होते है पहले डोमेन नाम से पहले http लगता था  और आब https लगता है उदहारण के तोर पर पहले ( http://172.16.254.1) होता था उसके बाद इसे ( http:// tourapna.com) लिखा जाने लगा और आब इसे ( https:// tourapna.com) लिखा जाने लगा है. http का पूरा नाम है hypertext transfer protocol होता है और https का पूरा नाम hypertext transfer protocol secure होता है

    आपकी वेबसाइट पर जो  (www) लगा होता है  www का  पूरा नाम world wibe web है और उसके बाद आपका डोमेन name आता है (tourapna) और उसके बाद आपका extension (.com) आता है यह सब मिल कर एक unique नाम बनाते है. Extension कई होती है example के तौर पर (.in) (.org) एजुकेशन वेबसाइट के लिए (.edu) और govt वेबसाइट के लिए (.gov) आखिर मैं लगता है. इन्हें टॉप level domain मैं आते है

    कुछ country level extension भी होते है जिनको देख कर ही पता लग जाता है की ये वेबसाइट किस देश की है उदहारण के तौर पर यूनाइटेड किंगड (.uk) ऑस्टेलिया(.au)  कनाडा (.ca) स्विट्जरलैंड (.ch) इंडिया (.in) है इस लिए वेबसाइट बनाने के लिए domain name लेना जरुरी होता है.

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