Sun. Oct 27th, 2024

    Adhbhut Kankar कहानी एक लड़के की है जो एक छोटे से गाँव मैं रहता था वो अपनी गरीबी के कारण बहुत ही परेशान था वो हमेशा अमीर बनने के सपने देखा करता था एक दिन वो बहुत दुखी हो गया था फिर वह अपने गुरु जी के पास गया उसने गुरु जी से कहा गुरु जी मुझे पैसों की जरुरत है मैं चाहता हूँ की मेरे माता पिता और मैं खुश रहे और पूरी दुनिया घूमे पर गुरूजी जो मैं कह रहा हूँ वो पैसे के बिना संभव नहीं है इसके लिए मेरे पास बहुत सारा धन होना जरुरी है

    गुरु जी ने उसकी सारी बातें ध्यान से सुनी और उसे अपने साथ चलने के लिए कहा गुरु जी उसे ऐसे समुन्दर के किनारे ले गए जहाँ पर बहुत सारे कंकर ही कंकर पड़े हुए थे गुरु जी ने उस लड़के से कहा की इतने सारे कंकर मैं से एक ऐसा Adhbhut Kankar है जो हर धातु को सोने मैं बदल सकता है गुरु जी ने कहा तुम उस अद्भुत कंकर को जिसके भी ऊपर रखोगे वो सोने का हो जायेगा उस कंकर की पहचान उसके तापमान से होगी जब तुम इन कंकरों को हाथ से छुओगे महसूस करोगे तो ये कंकर तुम्हे ठन्डे लगेगे लेकिन गोल्ड मैं बदल देने वाली कंकर का तापमान गर्म होगा गुरु जी ने कहा अगर वो कंकर तुम्हे मिल गया तो जो तुम ज़िन्दगी मैं करना चाहते हो तुम वो कर सकते हो

    गुरु जी के ये बात सुन कर वो लड़का बहुत ही खुश हुआ उसके मन मैं एक उम्मीद सी जाग उठी थी की अगर वो कंकर मुझे मिल गया तो मैं बहुत कुछ कर सकता हूँ उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा अब उसे एक ही काम करना था उस अद्भुत कंकर को ढूढना था उसने चारो और देखा बहुत सारे कंकर थे उसने सोचा कुछ ही महीने की बात है रोज़ कुछ ही घंटे मुझे इसे ढूढ़ने मैं देने है मैं इन सब कंकर मैं से उस अद्भुत कंकर जिस से किसी भी धातु को  सोना बनाया जा सकता है मैं उसे ढूंढ लूँगा

    लेकिन वो लड़का नहीं जनता था की गुरु जी ने ये काम उसे सोच समझ कर ही दिया है लड़का उस Adhbhut Kankar को ढूढ़ने मैं लग गया वो हर एक कंकर को हाथ से उठता और जो भी कंकर ठण्डा महसूस होता वो उस कंकर को समुन्दर मैं फेक देता था वो ऐसा इस लिए कर रहा था क्यूँ कि अगर वो कंकर को समुन्दर मैं न फेके तो वही कंकर दोबारा उसके हाथ मैं आ जायेगें और उसकी मेहनत ख़राब हो जाएगी

    Adhbhut Kankar

    उस Adhbhut Kankar को ढूढ़ने मैं उसका एक दिन निकला गया जिस मैं उसने दिन के 4 घन्टे दिए थे फिर ऐसा करते करते उसके 4 महीने निकल गए लेकिन उस लड़के को वो अद्भुत कंकर नहीं मिला था वो जिस भी कंकर को उठा रहा था वो सब ठण्डे महसूस हो रहे थे रोज़ एक ही काम करते करते अब उसको उस काम करने मैं तेजी आ गई थी उस लड़के का विश्वास पूरा था की वो अद्भुत कंकर उसे जरुर मिलेगा अब वो धीरे धीरे वो कंकर को ध्यान से परखना कम करता जा रहा था वो अब कंकर को बारीकी से नहीं परख रखा था जितना उसने शुरू के पहले दिन मैं परखा था

    अब रोज़ कंकर को फेकते फेकते उसकी आदत ऐसी हो गई थी कंकर को उठा कर जल्दी से समुन्दर मैं फेक दो इतनी मेहनत के बाद उसे 6 महीने मैं उस लड़के को वो अद्भुत कंकर मिल गया पर उसकी जल्दी फेकने की आदत की वजह से वो हाथ से निकल गया उसने वो Adhbhut Kankar समुन्दर मैं फेक दिया उसे उस कंकर को फेकने के बाद बहुत ही पछतावा हुआ अब वो उस कंकर को समुन्दर से निकाल नही सकता था बाद मैं उसे एहसास होता है की उसे वो गर्म कंकर महसूस भी हुआ और फिर भी उसने फेक दिया वो इस लिए क्यूँ कि हर कंकर को फेकने की उसकी आदत बन गई थी उसकी इस आदत की वजह से उसने वो अद्भुत कंकर खो दिया

    Adhbhut Kankar कहानी से शिक्षा

    जिस वक़्त आपने अपने हर दिन को हलके मैं लेना शुरू कर दिया धीरे धीरे हर दिन को हलके मैं लेना आपकी आदत बन जाएगी और जब आपके पास बड़ा मौके वाला दिन हुआ तो उस दिन को  आप अपनी आदत की वजह से गलती से हलके मैं ले लोगे और बाद मैं फिर आपको पछतावा होगा जब आपको पता लगेगा की वो दिन सामान्य दिन की तरह नहीं था उस दिन मेरे पास बहुत बड़ा मौका था जिसे मैंने गवा दिया क्यूँ कि मैं रोज़ हर दिन को हल्का समझता था वो अद्भुत कंकर आपकी ज़िन्दगी मैं सुनहेरे अवसर की तरह है और वो सब ठण्डे कंकर एक नया दिन है वो अद्भुत कंकर कब आपके हाथ मैं आयेगा वो आप भी नहीं जानते है लेकिन आपको ध्यान से हर कंकर को परखना है मलतब  हर दिन कुछ न कुछ सीखना है समय इन्सान हर चीज़ से सीखना है अचानक कब आपके हाथ मैं वो अद्भुत कंकर आ जाये जो आपकी पूरी ज़िन्दगी बदल दे

     ज़िन्दगी के पल को इस तरह से देखो और इस तरह से जियो इस तरह से मेहनत करो उस Adhbhut Kankar की तरह  जो हर चीज़ को सोने मैं बदल सकती है

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