एक शिष्य अपने गुरु के पास पंहुचा और बोला लोगो को खुश रहने के लिए क्या चाहिए तुम्हे क्या लगता है गुरु ने शिष्य को खुद इसका उत्तर देने के लिए कहा शिष्य एक क्षण के लिए सोचने लगा और बोला फिर शिष्य ने कहा मुझे लगता है अगर किसी की मूलभूत आवशकताए पूरी होती हो खाना पीना मिलता रहे, रहने के लिए जगह हो ,एक अच्छी सी नौकरी हो या कोई काम हो, सुरक्षा हो तो वह खुश होगा यह सुनकर गुरु कुछ नहीं बोले और उसे अपने पीछे चलने का इशारा करके चलने लगे |(Pinjare Ki Murgi)
गुरु ने शिष्य को दरवाजा खोलने के लिए कहा शिष्य ने दरवाजा खोल दिया अब वहां पर मुर्गियों का दडबा था वहां मुर्गियों और चूजो का ढेर लगा था वे सभी बड़े बड़े पिंजरों में कैद थे शिष्य ने बहुत आश्चर्य से पूछा आप मुझे ये क्यूँ दिखा रहे है फिर गुरु जी शिष्य से प्रशन करने लगे की क्या इन मुर्गियों को खाना मिलता है शिष्य ने जवाब दिया हाँ गुरु जी ने कहा क्या इनके पास रहने के लिए घर है शिष्यं ने जवाब दिया हाँ कह सकते है |(Pinjare Ki Murgi)
क्या ये यहाँ कुत्ते बिल्लियों से सुरक्षित है शिष्यं कहा हाँ क्या उनके पास कोई काम है हाँ है अंडे देने का फिर गुरु जी कहा क्या वो खुश है ? शिष्य मुर्गियों को करीब से देखने लगा उसे नहीं पता चला की कैसे पता करें की कोई मुर्गी खुश है भी या नहीं | और क्या सचमुच कोई मुर्गी खुश हो सकती है वो ये सोच ही रहा था की गुरु जी ने इशारा किया मेरे साथ आओ दोनों चलने लगे और कुछ देर बाद एक बड़े मैदान के पास जा कर रुके |
मैंदान में देर सारी मुर्गियां और चूजे थे वे न किसी पिजरे में कैद थे और न उन्हे कोई दाना डालने वाला था वे खुद ही ढूढ़ ढूढ़ कर दाना चुग रहे थे और आपस में खेल कूद कर रहे थे फिर गुरु ने शिष्य से पूछा क्या ये मुर्गियां खुश दिख रही है शिष्य को ये सवाल थोडा अटपटा सा लगा वो सोचने लगा यहाँ माहौल कुछ अलग है और ये मुर्गियां प्राकर्तिक तरीके से रह रही है खा पी रही है और ज्यादा स्वस्थ दिख रही है और फिर शिष्य दबी आवाज में बोला शायद बिलकुल मुर्गियां खुश है |
गुरु जी ने शिष्य को कहा बेतुके मत बनो पहली वाली जगह पर जो मुर्गियां है उनके पास वो सब चीजे है जो तुमने खुश रहने के लिए जरुरी मानी थी उनकी मूलभूत आवशकताएँ , खाना पीना , रहना सब कुछ है करने के लिए भी काम है सुरक्षा भी है पर क्या वे खुश है वही मैदान में घूम रही मुर्गियों को अपना भोजन ढूढना पड़ता है रहने का इंतजाम करना पड़ता है अपनी और अपने चूजो की सुरक्षा करनी पड़ती है पर फिर भी वे खुश है गुरूजी बोले बस यही में तुम्हे समझाना चाहता था कौन ज़िन्दगी में ज्यादा खुश है और क्या हमें जीवन में चाहिए |(Pinjare Ki Murgi)
Pinjare Ki Murgi कहानी से सीख
दोस्तों इस कहानी से हमें सीखना चाहिए हमें जीवन में एक चुनाव करना है या तो हम मुर्गियों की तरह बंद पिंजरे में जी सकते है एक ऐसा जीवन जहाँ पर हमारा कोई भी अस्तित्व नहीं होता है या मैदान की उन मुर्गियों की तरह जोखिम उठा कर आज़ाद जीवन जी सकते है अपने अन्दर छुपी कलाओं को खोज सकते है सिर्फ सांस ले कर तुम जीवन में खुश नहीं रह सकते खुश रहने के लिए तुम्हारे अंदर जीवन को सचमुच जीने की हिम्मत होनी चाहिए अगर जीवन में खुश रहना है तो पिंजरे मैं कैद रहने वाली मुर्गी मत बनो एक आज़ाद जीवन जियो जो तुम्हे खुश कर सके हर दिखने वाली चीज़ कभी भी सोना नहीं होती |
दोस्तों आप Motivational Story का विडियो नीचे दिया गया है आप देख सकते है |
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