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    देहरादून को उत्तराखण्ड की राजधानी कहते है यहाँ पर घुमने के लिए मंदिर स्थल और कुछ पिकनिक स्थल भी है जहाँ पर लोग देखने दूर दूर से आते है विदेशों से भी यहाँ पर लोग घुमने आते है क्यूँ की यह बहुत ही बढ़िया जगह है यहाँ पर मौसम भी अच्छा रहता है यहाँ पर लोग सर्दियों मैं आना पसंद करते है बाकि आप सब घुमने यहाँ पर कभी भी आ सकते है वैसे मौसम यहाँ अच्छा ही देखने को मिलता है आज हम आपको बताने जा रहे है Kalu Sidh मंदिर के बारे मैं आओ जानते है इसके बारे मैं रोचक कथ्य.

    Kalu Sidh

    Kalu Sidh मंदिर सोम नदी के तट पर है बहुत ही बढ़िया प्राक्रतिक जगह जो की वन जैसा दिखाए देखता है बड़े बड़े पेड़ है और हरयाली भी आपको यहाँ पर देखने को मिलेगी शिव रूप प्रसिद्ध कालू सिद्ध जी का मंदिर है.Kalu Sidh मंदिर देहरादून ऋषिकेश मार्ग पर है देहरादून मैं भानिवाला से उत्तर की तरफ 5 किलोमीटर दूर कलुवाला गाँव मैं स्तिथ है. और देहरादून बस अड्डे से 42 किलोमीटर है यहाँ पर लोकल ऑटो रिक्शा आपको मंदिर जाने के लिए आसानी से मिल जाते है

    परिचय : यहाँ पर भगवान दत्तात्रिया ने लोग कल्याण के लिए 84 शिष्य बनाये थे  और उन्हें सारी शक्तियां भी प्रदान की और उसके चार शिष्यों ने देहरादून के स्थानों पर तपस्या की और ये चार शिष्य देहरादून मैं प्रसिद्ध हुए जिनके नाम है लक्षमण सिद्ध ,माणु सिद्ध ,कालू सिद्ध,मानक सिद्ध है. कालू सिद्ध जी ने यहाँ पर उन्होंने भगवान शिव शंकर जी की तपस्या की थी Kalu Sidh मंदिर मैं दूध घी और गुड की भेली यहाँ पर चढ़ाई जाती है यहाँ पर लोग संतान की प्राप्ति के लिए भी पूजा करते है .

    कहानी : यहाँ पर भगवान दत्तात्रिया ने लोग कल्याण के लिए 84 शिष्य बनाये थे उनके चार शिष्य देहरादून मैं आ कर बस गए  और उन्होंने यहाँ पर बहुत प्रसिद्धी प्राप्त की और यहाँ पर कालू सिद्ध जी ने त्रेत्य युग मैं यहाँ पर भगवान शिव शंकर जी की उपासना की थी इस लिए उन्हें शिव रूप मैं ही यहाँ पूजा जाता है तब से यह मंदिर यहाँ पर है और इनकी समाधी जो है वो हरिद्वार मैं है यहाँ पर उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की थी पर उसके उपर छत डालने का कई बार परियास किया गया पर वो नहीं बन पाई जब भी उसे बनते है तो वो गिर जाती है शिवलिंग अभी भी बिना छत के ही स्थापित है

    यहं मंदिर प्रसिद होने के कारण यहाँ पर लोग अपने मुराद लेकर सच्चे ह्र्दय से आते है और अपने मुराद मांग कर जाते है. यहाँ पर लोग संतान प्राप्ति के लिए ही अपने मन्नत लेकर आते है यह मंदिर देखने मैं बहुत ही अच्छा है उत्तराखंड देवी देवताओ की धरती इस लिए ही कहा जाता है  यहाँ पर बहुत ही सकून मिलता है यहाँ के पहाडो मैं और प्राकृतिक सुन्दरता भी देखने को मिलती है कहते है सच्चे मन से मांगी गई मुराद कभी खाली नहीं जाती है आप सब भी यहाँ पर कालू सिद्ध मंदिर मैं आये और यहाँ पर उनके दर्शन करें.

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