Sun. Jul 7th, 2024
    Guru Ki Shiksha Ka Labh

    एक बार की बात है एक आदमी था जो कि एक फैक्ट्री में काम किया करता था उस फैक्ट्री में उसका एक Guru था जो की काम में बहुत ही तजुर्बेकार था जो की बहुत ही बूढा था उसने उसे सिखाया की काम के वक्त बात कम किया करो और काम ज्यादा किया करो और उसने कहा की कभी भी अपनी सिखने की परिक्रिया को बंद नहीं करना चाहिए  और फैक्ट्री के हर काम को मन लगा कर सीखना चाहिए  

    दस साल बाद उसका गुरु वो बूढा आदमी अपनी जॉब से रिटायर हो गया और अब वो आदमी फैक्ट्री में तकनीशियन बन गया उसने अपने काम को उसी समर्पण और परिश्रम से जारी रखा जैसा कि उसे गुरुजी ने सिखाया हुआ था कुछ दिन बाद वो अपने Guru जी के घर गया

    Guru की शिक्षा का लाभ

    उसके गुरुजी ने उसके मुह उदासी को देखा वो खुश नहीं था तो उसके गुरुजी ने उसे उसकी परेशानी का कारण पूछा युवक ने आह भरी और अपने दिल की बात अपने गुरुजी से कही कि मैं इन सभी वर्षों से आपके निर्देशों का पालन कर रहा हूं कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं क्या काम करता हूं मैं चुप रहता हूं और काम पर ध्यान केंद्रित करता हूं

    मुझे पता है कि मैंने फैक्ट्री में अच्छा काम किया है मैंने उन सभी चीजों को सिखा है जिनको सीखा जा सकता है और मैंने अपना पूरा ध्यान वही पर लगाया है मुझे समझ नहीं आ रहा है की जिन लोगो में अनुभव की कमी है और मेरी जितनी क्षमताएं नहीं हैं उन लोगो के औदे बड़ा दिए गए और मैं वही का वही खड़ा हूँ जब कि मैंने आप से सारे गुण सीखे थे

    उसके Guru जी ने उसे कहा की तुम्हे लगता है की तुम फैक्ट्री के लिए आवश्यक हो गए हो आदमी ने आपना सिर हिल्ला कर हाँ कहा  उसके गुरुजी ने बहुत सोचने के बाद उस आदमी से कहा की तुम्हे कोई भी बहाना बना कर एक दिन की फैक्ट्री से छुट्टी ले लेनी चाहिए या कुछ समय के लिए तुम्हे अपने लिए टाइम निकालना चाहिए  और छुट्टी ले लेनी चाहिए आदमी अपने गुरुजी की ये बात सुन कर बहुत ही आश्चर्य हुआ उसने उनकी बात पर अमल किया और उसने अपने गुरुजी का धन्यवाद् किया और फैक्ट्री की ओर छुट्टी की अर्जी देने वहां से जल्दी चला गया

    फिर वो अपने छुट्टी के बाद फैक्ट्री गया मैंनेजर ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया और उसे कहा की जब तुम फैक्ट्री में नहीं थे तो फैक्ट्री का काम सही नहीं चल रहा था दूसरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा जो सामान्य रूप से तुम्हारे दवारा नियंत्रित किया जाता था उन्हें पता नहीं था कि उन्हें कैसे हल किया जाए मैंनेजर ने उसकी एहमियत को देख कर उसके औदे को बड़ा दिया और उसे वरिष्ठ तकनीशियन बना दिया आदमी ने मैंनेजर का उसका ये औदे को बढ़ाने के लिए और उसके अच्छे काम के लिए धन्यवाद् किया आदमी अपने गुरुजी की दी शिक्षा के लिए बहुत ही आभारी था उसने यह सोचा की ये ही उसकी सफलता का रहस्य था

    उस समय से जब भी युवक को ऐसा लगता था कि वह जितना चाहता है उससे अधिक का हकदार है, तो वह एक दिन की छुट्टी लेता था जब वह अगले दिन वापस आया तो स्थिति उसकी संतुष्टि में सुधार करेगी ऐसा ही उसने कई महीनो तक करता रहा

    एक दिन ऐसा आया मैंनेजर ने उसका फैक्ट्री के अंदर आने के लिए पाबन्दी लगा दी और उसे काम से निकाल दिया उसे ये देख कर सदमा लगा की उसे फैक्ट्री से निकाल दिया गया है उसे ये देख कर बिलकुल भी विश्वास नहीं हुआ वो बिना किसी वजह को जाने आदमी अपने Guru जी के पास गया ये जानने के लिए गया कि मैंने कहाँ पर गलती कर दी जो मेरे साथ ये सब हुआ

    उसने अपने Guru से बहुत ही उदास होकर पूछा मैंने अपनी नौकरी कैसे गंवा दी क्या मैंने वैसा नहीं किया जो आपने  मुझे सिखाया था गुरु जी ने कहा वास्तव में आपने ऐसा नहीं किया क्योंकि आपने केवल आधा पाठ सुना था और अपने अपना सिर हिला दिया था

    जैसे आप तुरंत समझ गए कि कोई भी हमेशा एक प्रकाश बल्ब पर ध्यान नहीं देता है जो हमेशा चालू रहता है   यह केवल तब होता है जब यह बंद हो जाता है कि लोग अचानक नोटिस कर लेते है कि वे इसे लेने के लिए किया गया है

    तुम मेरी बात को पूरी सुने बिना ही वहां से चले गए क्यूँ कि जो तुमने मुझे सुना वो एक हिस्सा था पर पूरी बात को सुने बिना ही तुम वहां से चले गए क्यूँ कि तुमने अपने फायदे की बात सुनी यह युवक पर भारी पड़ने लगा कि शायद उसने कोई बड़ी गलती कर दी है तो गुरुजी ने उसे समझाया अगर एक बल्ब बार बार बंद हो रहा है तो उसे नए बल्ब से बदल दिया जाता है जो अच्छा प्रकाश देता है कोई भी जलते बुझते बल्ब को नहीं रखता है

    Guru की शिक्षा का लाभ कहानी से शिक्षा

    क्या आपके पास दोस्त और परिवार के सदस्य हैं  जिन्हें आप समझते है कि वो हमेशा आपके लिए हैं  अगर एक दिन आप उन्हें खो देते हो तो क्या होगा  ऐसे दिन का इंतजार न करें कि अचानक एहसास हो कि वे कितने महत्वपूर्ण थे और आपके लिए कितने उपयोगी थे अपने जीवन में उन्हें होने के सौभाग्य के लिए हमेशा भगवान का शुक्रिया अदा करे

    हमेशा अपने काम को ईमानदारी से करे उस काम को इस लिए ना छोड़ दे की ये काम हमें कुछ नहीं देगा जो हम चाहते है जरुरी नहीं है की हर चीज़ आपको आपके मुताबिक मिले जितना आपके पास है उसकी हमेशा कदर करें किसी भी काम को इस लिए ना करें कि वो आपको उस काम के बदले आपको कुछ वापिस दे

    कभी कभी आपकी एक ही गलती को बार बार दोहराने से आपको ही नुकसान होता है आप सोचते है ये सही है पर ऐसा नहीं होता है कभी कभी बार बार की गई गलतियाँ आपको ही नुकसान पहुचाती है हमेशा समय का सद उपयोग करे.

    दोस्तों आप Motivational Story का विडियो नीचे दिया गया है आप देख सकते है |

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