Wed. Oct 30th, 2024

    Twelfth Fail बुक को आईपीएस अनुराग पाठक ने लिखा है यह बहुत ही दिलचस्प बुक है इस बुक मैं गरीब लड़के की कहानी बताई है की कैसे एक Twelfth Fail बच्चा  IPS बनता है आओ जानते है एस बुक के कुछ पन्नो को मैं आपके साथ share कर रहा हूँ दोस्तों शायद ये चन्द लाइन्स आपको इस बुक को पूरा पढने की ओर प्रेरित करे

    Twelfth Fail बुक की शुरुवात – मार्च की एक सुबह थी घर की छत पर so रहे मनोज के चेहरे पर धूप पड़ने लगी कुछ देर करवट बदलने के बाद वो उठ कर बैठ गया उसने उठ कर देखा कि उसका दोस्त विष्णु मैथ के सवालों को हल कर रहा था अब इसको भी करना चाहिए क्यूँ कि Twelfth class का  आज पहला एग्जाम है  उसको मैथ बिलकुल भी समझ नहीं आती थी फिर भी उसने पास पड़ी किताब उठाई और कुए मैं पानी भरने जा रही औरतों को खुश करने के लिए वो मैथ के सवाल को जोर जोर से पढने लगा जब उसकी आवाज उन तक पहुची तो उस मैं से एक औरत उसे बोलती है कि एक हमारा बेटा है बिलकुल नही पड़ता और एक मनोज है सारा दिन पड़ता रहता है मनोज का किताब पड़ने का मतलब पूरा हो गया क्यूँ कि उसे तारीफ सुनना पसंद था अब उसने वो हाथ मैं पकड़ी किताब नीचे रख दी और रात भर से जो वो novel पड़ रहा था वो खोल ली आंखिर का सीन जो पड़ना रह गया था उसे पड़ कर वो बहार निकला और उसने  कुए से एक औरत की पानी निकालने के लिए  मदद की और उस औरत ने उसे दुआ दी कि तुम अच्छे  नंबर से पास हो जाओगे विष्णु पढाई मैं उसे ज्यादा होशियार था अब उनके पेपर का दिन आ गया था मनोज भी जल्दी जल्दी मैं पेपर देने के लिए निकला उसकी माँ ने उसे खाने के लिए कहा पर आज उसकी भूख मर गई थी मनोज अब नज़दीक के मंदिर मैं जा कर प्रार्थना करने लगा और कहा भगवान से हे हनुमान जी मुझे गणित मैं पास करवा देना पेपर होने से पहले एक लड़का बोला की इस बार SDM नक़ल नहीं होने देगे उसे नक़ल मार कर Twelfth पास करने की उम्मीद थी इसने 10वी भी नक़ल मार कर ही पास की थी स्कूल मैं नरेंदर सिंह था जो बच्चो को खुले मैं नक़ल करवाता था क्यूँ कि स्कूल के बच्चो मैं तीन subject मैं प्रॉब्लम थी English math और science.

    Twelfth Fail |ट्वेल्थ फेल

    नरेंदर सिंह ने इन सबको पास करने का बीड़ा उठा लिया था पर आज नक़ल करवाने का जिम्मा दुबे जी पर था अब मनोज मैथ के अध्यापक दुबे जी की प्रतिक्षा करने लगा जैसे ही नक़ल शुरू हुई चेकिंग वाले आ गए और सारे नक़ल का सामान उन्होंने बोरो मैं डाल दिया दुबे जी नरेंदर सिंह जी के पीछे जा कर छुप गए सबको लग रहा था की थोड़ी देर में पुलिस चली जाएगी लेकिन पुलिस नही गई और अब बच्चो को भी डर लगने लगा अब उनको लग रहा था की हम फेल हो जायेगे दुशंत सिंह ने बड़े  रोब से नरेंदर सिंह को डांटा और मनोज देख रहा था और कह रहा था की क्या दबंग आदमी था और सोच रहा था की क्या पॉवर होती है सरकारी आदमी के पास पुलिस वाले भी साथ के कर्मी उसके आगे हाथ बांधे खड़े थे और उनकी बातों को सुन रहे थे नरिंदर सिंह ने उनसे बहुत request की पर दुशंत सिंह ने एक न सुनी अब उन्होंने सोच लिया था की अब नक़ल नहीं हो सकती है आधे से जयादा बच्चे sheets खाली छोड़ कर चले गए पर मनोज ने ऐसा नहीं किया उसने सुना था की कॉपी भरने से भी नंबर मिलते है दुशंत सिंह से प्रेरित हो कर उसने PSC की तैयारी करनी शुरू की और आखिर मैं आईपीएस बने.

    Twelfth Fail बहुत ही अच्छी बुक लिखी है अगर इन्सान ठान ले तो कुछ भी बन सकता है

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