आओ जानते है Demat Trading saving ये तीनो अकाउंट शेयर खरीदने के लिए क्यूँ जरुरी है पहले के समय मैं हमारे पास share certificate फिसिकल form मैं होते थे काफी समय पहले जब हमारे पास online ट्रेडिंग का process नहीं था तो हम share ट्रेडिंग physical form मैं करते थे जब भी हमें share खरीदने या बेचने होते थे तो हम form के ऊपर हस्ताक्षर करते थे फिर उसके बाद वो NSE/BSE मैं जाते थे फिर आपको share certificate मिलते थे और बेचने भी हम NSE/BSE मैं ही जाते थे NSE/BSE Stock Exchange Members है उसका कोई निर्धारित समय नहीं होता था कि कब तक वो share sell होंगे और अगर अपने share लिए है तो certificate कब तक मिलेगे ये काफी लम्बा process था क्यूँ की आपको खुद स्टॉक एक्सचेंज मैं जाना पड़ता था
ये जो share मिलने का समय था बहुत ही लम्बा होता था एक share certificate को लेने के लिए हमें दो महीने भी लग जाते थे जब हमारे पास ऑनलाइन process आया तो हमने उसे De-materialize कर दिया इसका मतलब है की उन्हें physical form से convert करके उसे इलेक्ट्रॉनिक form कर दिया गया उसे Demat Account मैं रखा जाने लगा जिस मैं आपके physical certificate को इलेक्ट्रॉनिक form मैं रखा जाने लगा जिसका फायदा demat अकाउंट होल्डर को हुआ वो अपने share को कभी भी बेच या खरीद सकता था share आने और बेचे हुए share के पैसे आने मैं समय लगना बंद हो गया
Demat Account
demat अकाउंट बिलकुल हमारे सेविंग अकाउंट के जैसा ही है बस फर्क ये है की सेविंग अकाउंट मैं हम पैसे रखते है और demat अकाउंट मैं हम अपने Shares को रखते है demat अकाउंट share रखने के लिए बनाया जाता है हमें share ट्रेडिंग करने के लिए demat अकाउंट का होना बहुत ही जरुरी है क्यूँ की अगर demat अकाउंट ही नहीं होगा तो आप share खरीद नहीं पाओगे demat अकाउंट physical share को electronic form मैं करने के लिए बनाया गया था जिसके कारण share को रखने मैं आसानी होने लगी banks और ब्रोकर्स ने Demat Trading अकाउंट खोलने शुरू कर दिए demat अकाउंट कुछ ब्रोकर फ्री मैं खोल देते है और साल का annual maintenance चार्ज लेते है और कुछ ब्रोकर्स तो demat अकाउंट ओपन करने के पैसे लेते है जिस मैं वो आपके दोनों अकाउंट Demat Trading खोल देते है फिर उनके दवारा आपको login Id मिल जाती है जिसके दवारा आप अपने अकाउंट को चला सकते हो अगर आपके पास कोई physical मैं share होते है फिर उनको आप convert भी करवा सकते हो physical share को convert होने मैं कम से कम दो महीने लग जाते है share मैं ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास saving + Demat Trading अकाउंट होना बहुत जरुरी है demat अकाउंट होने से आपके share safe रहते है और समय समय पर आप अपने share को चेक भी कर सकते है’ जब भी आप कभी IPO भी अप्लाई करते है तो उसके लिए आपको demat अकाउंट नंबर देना जरुरी होता है क्यूँकी अब physical share आप रख नहीं सकते है demat अकाउंट जरुरी है
demat account मैं दो तरह की depository (CDSL/NSDL) होती है stock exchange दो trading member NSE(नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड )/BSE(बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) होते है NSE जो NSDL depository को संभालता है और BSE जो की OLD Exchange है वो CDSL depository को संभालता है जब भी आप BSE मैं share buy करते है तो आपका share की request CDSL (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड )मैं जाएगी फिर आपके demat अकाउंट मैं share credit होंगे और अगर आप share NSE से खरीदते है तो आपकी share की request NSDL (नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड )मैं जाएगी फिर वो आपके demat अकाउंट मैं share credit करेंगे जब भी आप demat अकाउंट open करते है तो आपकी DP id बनती है जब आप अकाउंट Open करवाने के लिए form अपने broker को देते हो तो वो अपने depository मैं आपका demat अकाउंट Open करवाता है जिससे उसने अपनी broker Ship ले रखी होती है NSDL की ली होगी तो NSDL मैं account open करवाएगा CDSL मैं ली होगी तो CDSL मैं आपका demat open करवाएगा फिर वो आपको हफ्ते के अंदर आपको DP ID दे देता है जिसको demat अकाउंट नंबर कहते है उसी DP ID से आप अपने details और shares को track कर सकते है demat अकाउंट को Open करवाने के लिए documents क्या लगते है आओ जानते है
- सब से पहले आपको demat का form भरना होता ही
- आपको demat form मैं अपनी फोटो लगानी पड़ती है
- पूरे form के ऊपर sign करने होते है
- आपको form के साथ pan card की कॉपी लगानी पड़ती है
- बैंक के पासबुक की कॉपी लगानी पड़ती है
- आपको उसके साथ address proof भी लगाना पड़ता है जैसे aadhar card या कोई वैल्ड govt id
Trading Account
demat अकाउंट आपके share रखने के लिए होता है बिलकुल वैसे हे जो अपने demat अकाउंट मैं share रखे है उन्हें सेल करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट होता है जब भी आपको share बेचने है तो आपको trading अकाउंट की जरुरत पड़ती है जब आप broker के पास trading account खुलवाते है तो वो आपको एक Online ट्रमिनल का login id और password देता है जिसे आप ऑनलाइन उस broker की website पर जा कर share बेच या खरीद सकते है कुछ broker आपका offline अकाउंट भी खोल देते है offline अकाउंट मैं आप अपनें broker को फ़ोन करके अपने share buy sell कर सकते है उसमें share खरीदने से पहले आपको broker को cheque देना पड़ता है जितने के अपने share लेने है
जब भी आप ट्रेडिंग करते है तो brokerage लगती है जो intraday मैं अलग लगती है और delivery मैं कुछ broker free मैं कर देते है कुछ broker पैसे लेते है intraday trading का मतलब है आज ही अपने share buy किये और आज ही अपने sell कर दिए उसे हम intraday trading कहते है
Delivery Trading मैं आप share खरीदते है और अगर मार्किट बंद होने तक अगर आपको आपके bid amount का अगर buyer नहीं मिलता है तो आप उस share को hold कर लेते है और demat अकाउंट मैं store कर सकते है ताकि आपका bid price जब कभी भी आयेगा या आपका किसी भी अमाउंट पर आने वाले समय मैं demat से निकल कर बेच सकते है उसे हम delivery ट्रेडिंग कहते है जब भी आप अपने share को delivery मैं hold करते है तो अगले दिन ही share आपके demat अकाउंट मैं क्रेडिट कर दिए जाते है .
Demat और Trading के बाद जानते है की Saving account होना क्यूँ जरुरी है .
Saving Account
Demat Trading मैं saving अकाउंट की मुख्य भूमिका होती है क्युकी सेविंग अकाउंट मैं हम पैसे रखते है जब भी हमें share खरीदने होते है तो हम अपने अकाउंट की net-banking का प्रयोग करके पैसे निकलते है और फिर ट्रेडिंग करते है जब हम किसी share को सेल करते है तो वो पैसे सेविंग अकाउंट मैं ही आते है और अगर आप trading offline कर रहे है तो आपको बैंक का cheque अपने broker को देना होता है तब जा कर broker आपके share खरीदता है पैसे लेने देन के लिए सेविंग अकाउंट का होना बहुत जरुरी है क्यूंकि अगर ये नहीं होगा तो आप आसानी से ट्रेडिंग नहीं कर सकते है इस लिए demat account होने के साथ साथ आपके पास सेविंग अकाउंट का होना भी बहुत जरुरी है अगर आप आसानी से ट्रेडिंग करना चाहते है
demat trading saving अकाउंट को online करने से बहुत ही सुविधा हुए है जिसके कारण काफी समय बच जाता है और आप आराम से बैठ कर घर मैं भी ट्रेडिंग कर सकते है और अगर आप खुद ट्रेडिंग नहीं कर सकते है तो आप अपने broker को phone करके भी अपनी share ट्रेडिंग कर सकते है इस से share ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान हो गया समय पर आपके share भी आने लगे और समय पर आपके पैसे भी अकाउंट मैं credit होने लग गए है आप अपने shares पैसे दोनों को track कर सकते है जो पहले certificate संभाल कर रखने पड़ते थे अब आपको अपने DP id याद रखनी पड़ती है जिससे आप अपने अकाउंट को track कर सकते है DP id से आप अपनी डिटेल्स share statement आराम से जान सकते है