गांधी जयंती
2 अक्टूबर
महात्मा गांधी की मातृभाषा गुजराती थी उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अल्फ्रेड हाई स्कूल राजकोट में की थी
महात्मा गाँधी जी को कुछ लोग प्यार से बापू जी यानि पिता कह कर संबोधित करते थे इस लिए उन्हें राष्ट्रपिता कहा जाता है
महात्मा गाँधी जी का जन्म दिन राष्ट्रीय अवकाश और 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है
ऐसा कहा जाता है कि गाँधी जी को महात्मा की उपाधि रवींद्रनाथ टैगोर जी द्वारा दी गई थी
गाँधी जी को 1930 में टाइम मैगज़ीन के द्वारा मैन ऑफ़ द ईयर चुना गया था
ब्रिटेन ने महात्मा गाँधी जी के सम्मान में उनकी मृत्यु के 21 साल बाद एक डाक टिकट जारी किया था
1996 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा महात्मा गाँधी जी के मुस्कुराते हुए फोटो के साथ गाँधी सीरीज का पहला करेंसी नोट जारी किया था
1996 में करेंसी नोट जारी किये गए थे वो 10 ,5,50,100 की सीरीज और 500 की सीरीज के नोट थे
कहा जाता है कि आजादी का जश्न के समय जब जवाहरलाल नेहरु भाषण दे रहे थे तब गाँधी जी वहां पर मौजूद नहीं थे
भारत के अंदर और बाहर कई सड़कों का नाम गांधी जी के नाम से रखा गया है जैसे महात्मा गाँधी रोड नीदरलैंड
गाँधी जी ने लॉ की पढाई लंदन से की थी अपनी ख़राब लिखावट के कारण वो अध्यापको में मशहूर थे
अल्बर्ट आइंस्टीन गांधी जी के बहुत बड़े प्रशंसक को में से एक थे
अल्बर्ट आइंस्टीन और गांधी जी एक दूसरे की प्रशंसा और सम्मान करते थे उन्होंने एक दूसरे को पत्र भी लिखे थे
अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि एक सरल व्यक्ति ने दुनिया के सबसे महान साम्राज्य को उलट दिया
उन्होंने अपने शब्दों में कहा था कि शायद ही आने वाली पीढ़ियां इस बात पर विश्वास करेंगी कि मांस और रक्त में ऐसा कभी इस धरती पर चला था