भारतीय टेलीकॉम ड्राफ्ट बिल में कुछ पुराने एक्ट को खत्म करके पुनर्गठन" करना है
दूरसंचार विभाग ने कुछ कानूनों को 70 साल पहले बनाया गया था जो की बहुत ही पुराने हो गए है
जैसे 1885 भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1933 में भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम और 1950 में टेलीग्राफ वायर गैरकानूनी कब्जा अधिनियम हैं
टेलीकॉम ड्राफ्ट बिल में ओटीटी सेवाओं को भी इसमें शामिल किया गया है जिन पर कानून बनाया जायेगा
ओवर-द-टॉप का शोर्ट फॉर्म (ओटीटी) है यह एक एसी संचार सेवा है जो व्यक्ति से व्यक्ति दूरसंचार सेवाएं प्रदान करता हैं
सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वालों में व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल एप्लीकेशन है जो कालिंग और विडियो कालिंग की सेवा को प्रदान करते हैं
यह सभी एप्लीकेशन को एयरटेल, वोडाफोन और जियो के नेटवर्क द्वारा चलाया जाता है
टेलीकॉम ड्राफ्ट बिल लाने का कारण है बढ़ती हुई धोखा दड़ी, अन्य अवैध गतिविधियों और स्पैम कॉल पर लगाम लगाने के लिए किया जा रहा है
इस प्लेटफार्म का यूज़ करने वाले हर एक व्यक्ति के बारे में जानकारी होना है
अभी के समय पर जब भी आप कॉल करते है तो नंबर दिखता है आने वाले समय में उसका नाम भी दिखेगा जिससे यूजर की पहचान की जा सकेगी
अगर कोई व्यक्ति गलत नाम से सिम खरीदता है और उसका इस्तेमाल करता है उस पर 50000 का जुर्माना लगाया जायेगा
ऐसे व्यक्तियों के मोबाइल नंबर को बंद किया जायेगा और क़ानूनी करवाई की जाएगी
कहा ये भी जा रहा है कि फर्जी पहचान से सिम लेन वाले को 1 साल की जेल भी हो सकती है
कहा जा रहा है की कानून 6 या 10 महीने तक बनने की उम्मीद है फिर इन्हें लागू किया जा सकता है