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Lock खोलने का हुनर (Motivational Story )

एक शहर में एक व्यक्ति था जिस को Lock खोलने का बहुत अच्छा हुनर था वो किसी भी लॉक को कभी भी खोल सकता था वो शहर में किसी भी लॉक को  आसानी से खोलने के लिए जाना जाता था कभी कभी कोई बंद लॉक को खोलने के लिए कहता था तो वो बहुत ही आसानी से उसे खोल देता था इस लिए उसे लोग हमेशा इस काम के लिए बुलाते थे और उसे मुह माँगा इनाम और पैसे भी देते थे लॉक कितना भी मुश्किल क्यूँ न हो वो उसे खोल ही देता था वहां के लोग उसे देख कर बड़े हैरान होते थे कि इतनी सिक्यूरिटी होने के बावजूद ये व्यक्ति उस लॉक को कैसे खोल देता था

एक दिन शहर में एक चुनौती की प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया  इस में Lock खोले की चुनौती की प्रतियोगिता रखी गयी उस व्यक्ति को कहा गया की उसे एक पिंजरे में बंद किया जायेगा और उसे उस पिंजरे में लॉक लगाया जायेगा फिर  उस पिंजरे को एक तालाब में डाला जायेगा अगर वो उस Lock को खोल कर बहार आ गया तो विजेता कहलायेगा और अगर वो नहीं खोल पाया और हार मान जायेगा तो वो हार का बटन दबा सकता है जैसे ही वो बटन दबाएगा उसे बहार निकाल लिया जायेगा उस आदमी ने उस चुनौती को मान लिया उस आदमी को आपने ऊपर पूरा विश्वास था

इस प्रतियोगिता को देखने के लिए दूर दूर से लोग आये और कुछ अपने बड़े बड़े कैमरों को लेकर आये फिर प्रतियोगिता को शुरू किया उस व्यक्ति को धीरे धीरे पिंजरे में बंद करके तालाब में डाला दिया  गया सब लोग ये देखने के लिए उत्सुक्त थे की कैसे वो पिंजरे का लॉक खोल कर बहार आ जायेगा अब उस व्यक्ति ने उस लॉक को खोलना शुरू किया समय की चलती घडी उसके लिए कीमती थी क्युकी अगर वो लॉक खोल कर बहार नहीं आता है तो उसकी जान भी जा सकती है या तो उसे हार का बटन दबाना पड़ेगा

उस व्यक्ति ने उस पिंजरे के लॉक को एक तार से खोलना शुरू किया जैसे जैसे सेकंड गुजर रहे थे वैसे वैसे ही उस व्यक्ति को तकलीफ हो रही थी और बहार के लोग जो उसके लॉक खोलने के हुनर को पहचानते थे वो भी सोच रहे थे वो लॉक को कुछ ही सेकंड में खोल देता था तो उसे इस लॉक को खोलने में देरी क्यूँ हो रही है उस व्यक्ति ने Lock को खोलने में अपनी सारी चाल को लगा दी पर वो उस लॉक को खोल नहीं पा रहा था जैसे जैसे समय निकलता गया उसका दम घुटने लगा फिर भी वो उस लॉक को खोलने में लगा रहा पर वो उस लॉक को खोल नहीं पा रहा था

जब उसका दम ज्यादा ही घुटने लगा तो उसने अपने हार को स्वीकार किया और बटन को दबा दिया फिर उस आदमी को तालाब से पिंजरे के समेत बाहर निकाला जाता है  उस व्यक्ति को हार के वजह से शर्म महसूस हो रही थी अपने आप को हारा हुआ महसूस कर रहा था वो वहां पर खड़े लोगो से नज़र भी नही मिला पा रहा था जिस व्यक्ति ने उस प्रतियोगिता का आयोजन किया होता है वो उस पिंजरे को हल्का सा धक्का मार कर खोल देता है

तब उस व्यक्ति को पता चलता है की ये तो लॉक था ही नहीं और वो सोचने लगता है की ये मेरे दिमाग में पहले क्यूँ नहीं आया मैंने अपनी सारी चाल लगा कर इसे खोलने की कोशिश भी की पर मैं असफल रहा तब वो सोचता है की अगर मै थोडा सा भी ध्यान लगाता तो शायद पता चल जाता की ऐसा भी हो सकता है कि ये लॉक ही न हो और मै बेकार में कोशिश कर रहा हूँ

Lock खोलने का हुनर कहानी से शिक्षा

जब भी हम कभी किसी भी काम को करने में व्यस्त हो जाते है तो हमारा पूरा ध्यान उस काम को करने में लग जाता है पर हम कभी नहीं सोचते है उस काम को करने से हमें कोई फायदा होगा भी की नहीं फिर भी हम उस काम को करते है कभी कभी जब खाली होते है तो हमारे दिमाग में बहुत ही अच्छे विचार आते है हम अपना समय लोगो को खुश करने में लगे रहते है कभी भी आपने दिमाग को ठहर कर नहीं सोचते है इस तरह से हम अपनी ज़िन्दगी को जीते है अगर हम अपने दिमाग से ठहर कर सोचे तो हम कामयाब हो सकते है और अपनी ज़िन्दगी को बेहतर बना सकते है ज़िन्दगी में हमेशा व्यस्त रहना  और लोगो को खुश करने के लिए काम करना ज़िन्दगी नहीं है अपने दिमाग से ठहर कर सोचना और कुछ कर दिखाना ही ज़िन्दगी है आपने सुना होगा जो लोग कुछ नहीं करते है वो लोग कभी न कभी कमाल करते है इस छोटे सी लाइन के शब्दोँ का बहुत गहरा संदेश है जिसको हमें इस कहानी से समझना चाहिए

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