health के बारे मैं WHO(World Health Organization ) दवारा कहा गया है जो इन्सान शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक रूप से पूरी तरह स्वास्थ्य और किसी प्रकार की विकलांग और किसी भी प्रकार का रोग न होना वही health की परिभाषा है आओ निचे समझते है विस्तार मैं
(health) शारीरिक
मनुष्य का शरीर बिल्कुल ठीक है कभी भी मनुष्य की शरीर को देख कर हम ये नहीं कह सकते है की वो स्वस्थ्य है मनुष्य के सारे अंग ठीक से काम कर रहे है वो निरोग है वो चल फिर पा रहा है मगर मन्न सही नहीं है मानसिक स्तिथि ठीक नहीं है मानसिक स्तिथि मैं जैसे कुछ ऐसे अनहोनी हो जाना जो दिमाग मैं बैठ जाये और इन्सान depression मैं चला जाता है वो उस चीजों को दिमाग मैं बिठा लेता है तो हम उस इन्सान को स्वास्थ्य नहीं कह सकते है
मानसिक
मनुष्य का मानसिक रूप से ठीक है इन्सान मैं सोच समझ है मगर किसी रोग की वजह उसे परेशानी महसूस होती है जो उसका संतुलन को ख़राब करते है वो चल फिर नहीं पा रहा है या उसका कोई अंग ख़राब है जैसे की किसी भी तरह से विकलांग होना जिस वजह से वो अपना काम खुद नहीं कर पा रहा है यहाँ फिर वो सामाजिक रूप से कमजोर है यह किसी वजह से उसका आचरण ख़राब है तो हम उसे स्वास्थ्य नहीं कह सकते है .
सामाजिक
मनुष्य अगर सामजिक रूप से ठीक है उसका व्यवहार सबके साथ अच्छा है और वो मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक नहीं है या फिर उसे किसी तरह का मानसिक तनाव हो किसी वजह से परेशान हो या फिर वो आध्यात्मिक रूप से ठीक नहीं है या वो किसी भी प्रकार से उस मैं रोग हो जो उसे uncomfortable करते हो या उसकी परेशानी का कारण बनते हो. तो हम उसे स्वास्थ्य नहीं कह सकते है.