आओ दोस्तों आज एक बहुत ही बेहतरीन कहानी के बारे में आपको बताने जा रहा हूँ की कैसे भगवान हमारी मदद करते है बस हम ही उन्हें समझ नहीं पाते है Bhagwan हमारी मदद हर समय जरुर करते है जिसे हमें समझने में देर लग जाती है आओ एक कहानी के माध्यम से समझते है कैसे
एक बार की बात है एक छोटा सा गाँव था वो एक नदी के किनारे था वहां पर लोग बहुत ही खुश रहते थे अच्छी तरह से उनकी ज़िन्दगी गुजर रही थी लोग वहां पर हमेशा मंदिर में प्राथना किया करते थे वहां उस मंदिर में एक पंडित रहते थे जिनका Bhagwan के ऊपर बहुत ही विश्वास था वो हमेशा भगवान की भक्ति किया करते थे
एक बार मानसून के मौसम के दौरान बहुत ही तेज बारिश हुई और नदी में बारिश के कारण पानी बढता गया और पानी इतना ज्यादा बढ गया की नदी के किनारे गाँव में बाड़ आ गई और पूरा गाँव पानी से भर गया सभी इधर उधर भागने लगे और सभी ने अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया और सुरक्षित स्थान पर जाना शुरू कर दिया पानी गाँव में इतना बढ गया था की लोगों के पास अपना घर छोड़ने के इलावा और कोई विकल्प नहीं था
गाँव का एक आदमी दोड़ता हुआ मंदिर में पंडित के कमरे में गया और उसे कहा की गाँव में बाड़ आ गई है और मंदिर तक पानी पहुचने वाला है सब सुरक्षित जगह पर जा रहे है आप भी साथ में चलो ताकि आपकी जान बच सके लेकिन पंडित ने उस आदमी को कहा की मैं तुम्हारे जैसा नास्तिक नहीं हूँ मुझे अपने भगवान पर पूरा भरोसा है वो मुझे कुछ नहीं होने देंगे वो मुझे बचाने के लिए जरुर आयेगे तुम चले जाओ फिर वो आदमी वहां से चला गया
मंदिर में पानी बढता गया और पानी उसकी कमर तक आ गया था पंडित एक टेबल के ऊपर खड़ा हो गया थोड़े देर बाद एक नाव में एक आदमी पंडित को बचाने आया आदमी ने कहा की गाँव के सारे लोग सुरक्षित स्थान पर चले गए है और गाँव वालों ने मुझे बताया है की आप यहाँ पर फसे पड़े है तो में आपको बचाने के लिए आया हूँ तो आप मेरे साथ नाव में चलो लेकिन पंडित जी ने उसे पहले की तरह कारण बता कर जाने से मना कर दिया ये सुन कर नाव वाला आदमी वहां से चला गया
मंदिर के अंदर पूरा अपनी भर गया फिर पंडित मंदिर के छत पर जा कर चढ़ गया वो पंडित भगवान से प्रार्थना करने लगा की हे भगवान मुझे बचाओ थोड़ी ही देर बाद एक जहाज पंडित की छत के पास आकर रुका और उसने एक रस्सी निचे की ओर गिराई और पंडित को कहा की तुम रस्सी को पकड़ कर जहाज में आ जाओ और मैं तुम्हे सुरक्षित स्थान पर ले जाऊंगा और तुम्हारी जान बच जाएगी
इस बार फिर पंडित ने उसे पहले की तरह कारण बताया और जाने से मना कर दिया और जहाज वाला व्यक्ति और लोगों की मदद के लिए वहां से चला गया और लोगों की मदद के लिए ढूंढने लगा जब मंदिर लग भग पानी में डूब गया तब पंडित ने अपना सिर आकाश की और किया और भगवान से शिकायत करने लगा की सारी उम्र मैंने आपकी पूजा की आप पर मैंने पूरी ज़िन्दगी विश्वास रखा लेकिन आप मुझे बचाने नहीं आये
अचानक भगवान उसके सामने मुस्कुराते हुए दिखाई दिए भगवान ने कहा अरे तुम पागल आदमी हो? में तुम्हारे सामने तीन बार आया में तुम्हारे पास भागता हुआ आया और तुम्हे कहा तुम सुरक्षित स्थान पर चले जाओ फिर में तुम्हारे पास नाव लेकर आया फिर में जहाज लेकर आया तो मेरी क्या गलती है की तुम मुझे पहचान न सके
पंडित ने उसी समय अपनी गलती को महसूस किया और भगवान से माफ़ी मांगने लगा भगवान ने फिर उसे एक मौका दिया सुरक्षित स्थान पर लेकर जाने के लिए अब की बार पंडित ने उसे स्वीकार कर लिया
कहानी से शिक्षा
आप अपने जीवन में जीवन को देखते हैं क्या आप Bhagwan पर विश्वास रखते हो क्या आप भगवान को पहचानते हो क्या आप उन संकेतों को पहचानते हैं जो आपके लिए भेजे जाते हैं भगवान आपको हर समय अवसर भेजते है कभी कभी अनजाने में भी अवसर आ जाते है लेकिन कुछ बार हम अवसरों को हथियाने में असफल हो जाते हैं हमें उन संकेतो को पहचाना चाहिए और कभी दो तरफ़ा नहीं सोचना चाहिये जो अवसर दिया गया उसका उपयोग करना चाहिए न की दुसरे अवसर आने का इंतजार करना चाहिए Bhagwan हमेशा हमें अवसर देता है वो हम पर निर्भर करता है कि हम उस अवसर को कैसे उपयोग करते है
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