महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का असली नाम ऐलेक्सैड्र मैरी था  उन्होंने राज गद्दी पर बैठते समय अपनी माँ का नाम रख लिया था इस लिए उन्हें एलिज़ाबेथ द्वितीय कहाँ जाता था

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय अपने शासनकाल के दौरान 1961, 1983 और 1997 में भारत की तीन राजकीय यात्राएं कीं थी

इस यात्रा में महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय अपने पति प्रिंस फिलिप उनके साथ थे उनको देखने के लिए लाखों की संख्यां में लोग पहुचे थे

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय  1961 में अपने पति के साथ चेन्नई , आगरा , मुंबई,कोलकाता, वाराणसी, उदयपुर, बेंगलुरु जैसे कई राज्यों की यात्रा की थी

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय  ने उस दौरान  नई दिल्ली में राज घाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी थी 

यात्रा के दौरान महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय को गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा एक खास अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय  रामलीला मैदान में एक सभा में हजारों लोगों को संबोधित किया था

महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप की अगली यात्रा 1983 में हुई थी  उन्हें  राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के द्वारा निमंत्रण दिया गया था और वे राष्ट्रपति भवन में ठहरे थे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आयोजित राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक के समय थी

आखिरी बार महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप 1997 में भारत आये थे उस समय उन्होंने  अमृतसर के जलियांवाला बाग और स्वर्ण मंदिर का दौरा किया